साबुन पर लिखा TFM क्या है? फायदे, नुकसान और ज़रूरी जानकारी : TFM के 3 राज़ !


TFM (टोटल फैटी मैटर) साबुन की शुद्धता और गुणवत्ता को दर्शाता है। जानिए इसका महत्व, त्वचा पर प्रभाव, और कैसे चुनें सही साबुन।

TFM क्या है?

TFM का मतलब "Total Fatty Matter" (कुल वसा पदार्थ) होता है। यह साबुन में मौजूद प्राकृतिक तेलों और फैटी एसिड की मात्रा को बताता है। भारत में, BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) के अनुसार साबुन को TFM के आधार पर तीन ग्रेड में बाँटा गया है:

  • ग्रेड 1: 76% या अधिक TFM (सबसे बेहतर, नमी बनाए रखने वाला)।

  • ग्रेड 2: 70-75% TFM (मध्यम गुणवत्ता)।

  • ग्रेड 3: 60-69% TFM (कम गुणवत्ता, अधिक केमिकल युक्त)।

साबुन का TFM जितना अधिक होगा, वह उतना ही त्वचा के लिए कोमल और मॉइस्चराइज़िंग होता है।

हाई TFM साबुन के फायदे (Benefits of High TFM)

  1. त्वचा को नमी मिलती है: अधिक TFM वाले साबुन में प्राकृतिक तेल होते हैं, जो स्किन की नमी बरकरार रखते हैं।

  2. कम केमिकल्स: लो TFM साबुन में फिलर्स (जैसे SLS, स्टीयरिक एसिड) ज़्यादा होते हैं, जो त्वचा को रूखा बना सकते हैं।

  3. सुरक्षा परत बरकरार: ये साबुन स्किन की प्रोटेक्टिव लेयर को नुकसान नहीं पहुँचाते, जिससे इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।

    हाई TFM साबुन के नुकसान (Disadvantages of High TFM)

    1. कम झाग: अधिक TFM वाले साबुन झाग कम बनाते हैं, जिससे कुछ लोगों को साफ़ महसूस नहीं होता।

    2. चिपचिपाहट: ये पानी में धीरे घुलते हैं, इसलिए त्वचा पर रेज़िड्यू रह सकता है।

    3. महंगे दाम: ग्रेड 1 साबुन (जैसे मेडिमिक्स, खादी) की कीमत आम साबुन से ज़्यादा होती है।

      कैसे चुनें अपनी त्वचा के लिए सही साबुन?

      • रूखी त्वचा: 70%+ TFM वाले साबुन (उदाहरण: डव चक्र, सेबामेड)।

      • ऑयली त्वचा: 60-65% TFM (लाइफबॉय, सैंटुर)।

      • संवेदनशील त्वचा: हर्बल या 75%+ TFM साबुन (खादी, हिमालया)।

        TFM से जुड़े मिथक और सच्चाई (Myths vs Facts)

        • मिथक: "अधिक TFM साबुन सभी के लिए सही है।"
          सच: ऑयली स्किन वालों को मीडियम TFM साबुन बेहतर रहते हैं।

        • मिथक: "कम TFM साबुन नकली होते हैं।"
          सच: BIS द्वारा प्रमाणित सभी TFM ग्रेड सुरक्षित हैं, बस त्वचा के प्रकार के अनुसार चुनें।

          यूजर्स के लिए सलाह:

          • अगर साबुन पर TFM% नहीं लिखा है, तो उसे न खरीदें।

          • ग्रेड 1 साबुन में भी परफ्यूम और प्रिजर्वेटिव्स की मात्रा चेक करें।

          अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

          1. क्या TFM 100% हो सकता है?
          नहीं, BIS के मानकों के अनुसार साबुन का अधिकतम TFM 76% तक ही होता है।

          2. TFM कैसे चेक करें?
          साबुन के पैकेट पर ISI मार्क और TFM% लिखा होता है।

          3. क्या महंगे साबुन ही अच्छे होते हैं?
          ज़रूरी नहीं! TFM और स्किन टाइप के अनुसार सस्ते साबुन भी असरदार हो सकते हैं।

          TFM चार्ट: भारतीय साबुन और उनका ग्रेड

          BIS ग्रेड

          TFM%

          साबुन के उदाहरण (ब्रांड)

          स्किन के लिए उपयुक्त

          ग्रेड 1

          76% और अधिक

          मेडिमिक्स, मैसूर सैंडल, खादी नेचुरल, पियर्स

          रूखी और संवेदनशील त्वचा

          ग्रेड 2

          70% – 75%

          सैंटूर, डव (कुछ वेरिएंट), चंद्रिका, गोदरेज

          नॉर्मल से ऑयली त्वचा

          ग्रेड 3

          60% – 69%

          लाइफबॉय, लक्स, हमाम, फियर गॉड, सिन्थॉल

          ऑयली त्वचा

          चार्ट की मुख्य बातें:

          ·         ग्रेड 1 साबुन: सबसे अधिक प्राकृतिक तेल, कम केमिकल, महंगे दाम।
          → 
          उदाहरण: मेडिमिक्स (76% TFM), खादी अश्वगंधा साबुन (78% TFM)

          ·       ग्रेड 2 साबुन: झाग और सफाई का बैलेंस, मध्यम दाम।
          → 
          उदाहरण: सैंटूर (72% TFM), डव क्रीम बार (74% TFM)

          ·         ग्रेड 3 साबुन: झाग ज्यादा, सस्ते दाम, लेकिन त्वचा रूखी कर सकते हैं।
          → 
          उदाहरण: लाइफबॉय (65% TFM), लक्स (63% TFM)

          ध्यान देने वाली बातें:

          1. BIS/ISI मार्क ज़रूर चेक करें: पैकेट पर ISI लोगो और TFM% लिखा होना चाहिए।

          2. त्वचा के प्रकार के अनुसार चुनें:

           ड्राई स्किन: ग्रेड 1 साबुन (जैसे खादी)।

           ऑयली स्किन: ग्रेड 3 साबुन (जैसे सिन्थॉल)।

          1. ऑनलाइन खरीदते समय: प्रोडक्ट डिस्क्रिप्शन में TFM% ज़रूर पढ़ें।

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