Skip to main content

आम से ज्यादा आम की गुठलियों के दाम क्यों होते हैं?

 


🍋 आम से ज्यादा आम की गुठलियों के दाम क्यों होते हैं? जानिए चौंकाने वाली सच्चाई!

आम से ज्यादा आम की गुठलियों के दाम क्यों होते हैं? जानिए इसके औषधीय, कॉस्मेटिक और औद्योगिक उपयोग जो इसे इतना कीमती बनाते हैं।

जब गर्मी का मौसम आता है, तो आम हर जगह दिखाई देता है – फल की दुकानों से लेकर गाड़ियों और गलियों तक। आम को “फलों का राजा” कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस राजा की गुठली की कीमत कभी-कभी खुद आम से भी ज़्यादा होती है?
जी हां, आम की गुठली की मांग कुछ ऐसी जगहों पर इतनी बढ़ गई है कि इसकी कीमत कई बार फल से भी अधिक हो जाती है।

तो चलिए जानते हैं कि आखिर आम की गुठली में ऐसा क्या खास है जो इसे इतना कीमती बना देता है।

🌱 1. आम की गुठली का औषधीय महत्व और औषधीय गुणों का खजाना

आम की गुठली सिर्फ एक बेकार हिस्सा नहीं है। इसमें भरपूर मात्रा में औषधीय गुण मौजूद होते हैं।
आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है:

  • दस्त और पेट दर्द की घरेलू दवा

  • त्वचा संबंधी रोगों में लाभकारी

  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक

👉 फार्मास्युटिकल कंपनियां आम की गुठलियों को बड़ी मात्रा में खरीदती हैं, जिससे इसकी कीमत बढ़ जाती है।

💄 2. ब्यूटी और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री की पसंदीदा

क्या आप जानते हैं कि मशहूर ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसे बॉडी बटर, फेस क्रीम और मॉइस्चराइज़र में आम की गुठली से निकले Mango Butter का इस्तेमाल होता है?

  • त्वचा को नमी देने में मदद करता है

  • एंटी-एजिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर

  • 100% प्राकृतिक और कैमिकल-फ्री

👉 यही कारण है कि गुठली की मांग कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

🧴 3. तेल उद्योग में गुप्त हीरो

आम की गुठली से निकलता है उच्च गुणवत्ता वाला तेल, जो खाने, साबुन और दवाइयों के उत्पादन में काम आता है।

  • एक गुठली से 10-15% तक तेल निकल सकता है

  • यह तेल बेहद पौष्टिक और टिकाऊ होता है

  • कई जगह इसे रिफाइंड ऑयल के रूप में भी प्रयोग किया जाता है

👉 इसकी उद्योगिक उपयोगिता ही गुठली की कीमत को बढ़ाने का बड़ा कारण है।

🌳 4. बीज के रूप में महत्वपूर्ण

देश में आज भी कई किसान देसी और उन्नत किस्मों के आम के पेड़ उगाने के लिए गुठलियों का उपयोग करते हैं।

  • खासतौर पर दशहरी, चौसा, लंगड़ा और आम्रपाली जैसी किस्मों की गुठलियों की बहुत मांग होती है

  • नर्सरी और किसान इसे सीधे खरीदते हैं, जिससे दाम अधिक हो जाते हैं

👉 इसलिए, बीज की गुणवत्ता और मांग भी इसकी कीमत में इजाफा करती है।

🛠️ 5. प्रोसेसिंग खर्च और मूल्यवर्धन

आम की गुठली को सुखाना, साफ़ करना, स्टोर करना और उससे तेल या पाउडर निकालना एक तकनीकी और खर्चीली प्रक्रिया है।

  • इसमें मशीनें और विशेष तकनीक की जरूरत होती है

  • एक बार प्रोसेस होने के बाद इससे निकला उत्पाद कई गुना महंगा बिकता है

👉 यही वैल्यू एडिशन (मूल्य वृद्धि) गुठलियों को आम से ज्यादा कीमती बना देता है।

✅ निष्कर्ष: गुठली – अनदेखा हीरा

जहाँ एक तरफ आम खाने के लिए पसंद किया जाता है, वहीं उसकी गुठली स्वास्थ्य, सुंदरता और उद्योगों के लिए एक अमूल्य खजाना बन चुकी है।
इसलिए जब अगली बार आप आम खाएं, तो उसकी गुठली को बेकार समझकर न फेंके, क्योंकि वही गुठली कई लोगों के लिए कमाई और जीवन का जरिया बन रही है।

📌 अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।

और ऐसे ही रोचक और ज्ञानवर्धक ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को Follow जरूर करें।

Comments

Popular posts from this blog

खीरा खाने के फायदे व नुकसान: इसके आगे दवा भी फेल

  परिचय (Intro): क्या आप जानते हैं कि सलाद की प्लेट को कुरकुरा और ताज़गी भरा बनाने वाला खीरा सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत का भी खज़ाना है? "खीरा खाने के फायदे" (Khira Khane ke Fayde) इतने हैं कि इसे सुपरफूड कहना गलत नहीं होगा। 95% पानी से भरपूर यह हरा-भरा फल (हाँ, यह सब्जी नहीं, फल है!) न सिर्फ डिहाइड्रेशन दूर करता है, बल्कि विटामिन्स, मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भी लैस है। इस लेख में हम खीरे के गुणों, इस्तेमाल के नए तरीकों, और इससे जुड़े सवालों को विस्तार से समझेंगे। कुछ बेसिक बातें (Basic Information): खीरा कुकुर्बिटेसी परिवार का सदस्य है, जिसमें तरबूज और कद्दू भी शामिल हैं। यह भारत समेत दुनिया भर में उगाया जाता है। इसमें विटामिन K, विटामिन C, पोटैशियम, मैग्नीशियम, और सिलिका जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसकी ठंडी तासीर इसे गर्मियों में खास बनाती है। गैस की दवा से छुटकारा:  अगर आप सुबह-सुबह खाली पेट की दवा लेते है तो आप खीरे को सुबह खाली पेट खाना शुरु करिये आपको बहुत लाभ मिलेगा, धीरे -धीरे आप गैस की दवा लेना भूल जाएंगे। मुख्य विषयवस्तु (Main Content): 1. खीरा खाने के स...

साबुन पर लिखा TFM क्या है? फायदे, नुकसान और ज़रूरी जानकारी : TFM के 3 राज़ !

TFM (टोटल फैटी मैटर) साबुन की शुद्धता और गुणवत्ता को दर्शाता है। जानिए इसका महत्व, त्वचा पर प्रभाव, और कैसे चुनें सही साबुन। TFM क्या है? TFM का मतलब  "Total Fatty Matter"  (कुल वसा पदार्थ) होता है। यह साबुन में मौजूद प्राकृतिक तेलों और फैटी एसिड की मात्रा को बताता है। भारत में,  BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स)  के अनुसार साबुन को TFM के आधार पर तीन ग्रेड में बाँटा गया है: ग्रेड 1:  76% या अधिक TFM (सबसे बेहतर, नमी बनाए रखने वाला)। ग्रेड 2:  70-75% TFM (मध्यम गुणवत्ता)। ग्रेड 3:  60-69% TFM (कम गुणवत्ता, अधिक केमिकल युक्त)। साबुन का TFM जितना अधिक होगा, वह उतना ही त्वचा के लिए कोमल और मॉइस्चराइज़िंग होता है। हाई TFM साबुन के फायदे (Benefits of High TFM) त्वचा को नमी मिलती है:  अधिक TFM वाले साबुन में प्राकृतिक तेल होते हैं, जो स्किन की नमी बरकरार रखते हैं। कम केमिकल्स:  लो TFM साबुन में फिलर्स (जैसे SLS, स्टीयरिक एसिड) ज़्यादा होते हैं, जो त्वचा को रूखा बना सकते हैं। सुरक्षा परत बरकरार:  ये साबुन स्किन की प्रोटेक्टिव लेयर को नुकसान नह...

ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान के इन 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह: जानिए पूरी डिटेल

  भारत ने  पाकिस्तान में भारत की एयर स्ट्राइक  ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। जानिए कौन-कौन से ठिकाने ध्वस्त हुए, कितनी दूर तक घुसे भारतीय जवान, और क्यों यह ऑपरेशन ऐतिहासिक है। ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले का जवाब और आतंक के खिलाफ सख्त संदेश 7 मई 2025 की रात, भारतीय सशस्त्र बलों ने  ऑपरेशन सिंदूर  के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के  पहलगाम  में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हुई थी भारत ने किन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया? ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने  जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ,  लश्कर-ए-तैयबा (LeT) , और  हिज्बुल मुजाहिदीन  जैसे आतंकी संगठनों के प्रमुख ठिकानों को ध्वस्त किया। यहाँ उन 9 टारगेट्स की पूरी लिस्ट है: बहावलपुर (पाकिस्तान) : अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी अंदर स्थित, यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था। 2019 पुलवामा हमले की योजना यहीं बनाई गई थी । मुरीदक...